भारत में लगभग 77 मिलियन लोग (7.7 करोड़) डायबिटीज से पीड़ित हैं, जिसकी वजह से भारत को दुनिया की डायबिटीज की राजधानी कहा जाता है. डायबिटीज रोगी में मोटापा एक आम समस्या होती है. शोध के अनुसार, पेट का मोटापा डायबिटिक खतरे का बेहतर संकेत होता है. इसके अलावा, डायबिटीज और मोटापे का संयोजन दिल की बीमारी, हार्ट अटैक, नसों और किडनी के डैमेज का खतरा बढ़ाता है.

वजन बढ़ने और डायबिटीज के बढ़ते प्रसार का मुख्य कारण जेनेटिक फैक्टर के साथ औद्योगीकरण और प्रवासन से आने वाले वातावरण और जीवन शैली के बदलावों का संयोजन होता है, जो एक हाई कैलोरी वाले खाने और कम शारीरिक गतिविधि के कारण होता है. अगर आपको डायबिटीज है तो निम्नलिखित 4 तरीकों से अपना वजन कंट्रोल कर सकते हैं.

रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट कम खाएं

रिफाइंड चीनी, मिठाई, कोला और जूस जैसे कार्बोहाइड्रेट से बचें, जो ब्लड शुगर लेवल में तत्काल वृद्धि का कारण बनते हैं. सफेद चावल, ब्रेड, पिज्जा, ब्रेकफास्ट सीरियल, पेस्ट्री और पास्ता जैसे प्रोसेस्ड और रिफाइंड फूड का उपयोग कम से कम करें.

हाई फाइबर फूड

साबुत अनाज, दालें और फलियां, मेवे, फल और सब्जियां, अलसी के बीज, मेथी के बीज, दलिया, आदि हाई फाइबर वाले फूड डाइट शामिल करें. एक उच्च फाइबर भोजन तृप्ति देता है और इसके परिणामस्वरूप भोजन का सेवन कम हो जाता है, जो बदले में वजन कम करने में मदद करता है.

बाहर का कम खाएं

बाजार से खरीदने के बजाय घर पर ही पके हुए खाने का सेवन करें. यह न केवल शुगर बल्कि हाइड्रोजेनेटेड तेल/वनस्पति तेल को भी कम करने में मदद करेगा और दिल की बीमारी के खतरे को कम करेगा.

व्यायाम

शारीरिक गतिविधि आपको अपना वजन नियंत्रित करने में मदद करती है, एनर्जी के लिए चीनी का उपयोग करती है और शरीर को इंसुलिन का अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग करने में मदद करती है. सप्ताह में कम से कम 150 मिनट व्यायाम करने का लक्ष्य रखें.