भोपाल । निजी विश्वविद्यालयों में फर्जीवाड़ा की शिकायतें मिलने के बाद राज्य सरकार ने इसे रोकने के लिए कदम उठाये है।  फर्जीवाड़ा रोकने के लिए अब निजी विश्वविद्यालयों-कालेजों में छात्रों का डाटा सुरक्षित रखा जाएगा। इसके लिए पोर्टल बनाया गया है। इसमें विद्यार्थियों के प्रवेश से लेकर उत्तीर्ण होने तक का सभी प्रकार का डाटा संग्रहित किया जाएगा। इससे जहां फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी, वहीं प्रदेश के विद्यार्थियों के पंजीयन से लेकर उपाधि का डाटा देश में कहीं भी देखा जा सकेगा। मध्य प्रदेश निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग ने मप्र प्राइवेट यूनिवर्सिटी रेग्युलरटी कमीशन नाम से पोर्टल तैयार किया है। जिसका विधिवत लोकार्पण किया जा चुका है। प्रदेश के सभी निजी विश्वविद्यालयों को इस पोर्टल पर अनिवार्य रूप से पंजीयन कराना होगा। विवि को पाठ्यक्रम, फीस, अधोसंरचना, सुविधाओं, प्लेसमेंट एवं विद्यार्थियों सहित अन्य आवश्यक जानकारी पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। इसका दो स्तर पर परीक्षण कर अनुमोदन किया जाएगा। वहीं विद्यार्थियों से उनकी व्यक्तिगत (फोटो, हस्ताक्षर, योग्यता प्रमाण पत्र, निवास का पता, कोर्स और फीस भुगतान) की जानकारी अपलोड कराई जाएगी। ऐसा करने से विद्यार्थी को पूरी जानकारी आनलाइन हो जाएगी। जिसे कभी भी और कहीं भी देखा जा सकेगा।मध्य प्रदेश निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग के अधिकारी बताते हैं कि अब अभियान चलाकर प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों से संपूर्ण जानकारी पोर्टल पर अपलोड कराई जाएगी। इसकी मानीटरिंग भी की जाएगी, ताकि कोई निजी विवि जानकारी न छिपाए। इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी इन विश्वविद्यालयों पर कार्रवाई करने को कहा था, पर उच्च शिक्षा मंत्री ने यह फाइल ही दबा दी थी। जब मामला खुला तो मंत्री ने कहा था कि इसे रोकने के लिए कदम उठाने का वादा किया था उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों की डिग्रियों से बिहार और तेलंगाना की भर्ती एजेंसियां परेशान हैं।