वोटरों की चुप्पी से भाजपा और कांग्रेस दोनों परेशान

भोपाल । मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में मतदान के लिए केवल 3 दिन रह गए हैं। उसके बाद भी मतदाताओं की चुप्पी राजनेताओं को चिंता में डाल रही है। पिछले 2 सप्ताह से लगातार स्टार प्रचारक और प्रत्याशी चुनाव प्रचार के काम में लगे हुए हैं, तरह-तरह के वादे किए जा रहे हैं, और मतदाताओं को लुभाने के लिए हर तरीके के प्रयास करने के बाद भी, मतदाताओं की चुप्पी ने उम्मीदवारों और बड़े-बड़े नेताओं की चिंताओं को बढ़ा दिया है।
भारतीय जनता पार्टी और उनके उम्मीदवार इस चुनाव में हर तरह से मतदाताओं को लुभाने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस पार्टी इस मामले में धन और बल की कमी से जूझ रही है। आश्चर्य का विषय यह है, कि कांग्रेस की सभाओं में मतदाताओं की संख्या उनके आत्मबल को बढ़ाने का काम कर रही है।
भारतीय जनता पार्टी की सभाओं और चुनाव प्रचार के दौरान मतदाताओं की भीड़ तो देखने को मिल रही है। किंतु जितना उत्साह पिछले चुनाव में दिख रहा था। वह उत्साह देखने को नहीं मिला है। सबसे ज्यादा आश्चर्यजनक बात यह है, अयोध्या में धर्म संसद मैं राम मंदिर निर्माण को लेकर नेशनल मीडिया और अखबारों में समाचार छपने के बाद भी मतदाताओं में मंदिर को लेकर कोई विशेष प्रतिक्रिया देखने को नहीं मिल रही है। इससे भाजपा की चिंताएं और बढ़ गई हैं।
भाजपा सूत्रों के अनुसार यह आशा थी की विधानसभा चुनाव मतदान के पूर्व मंदिर मुद्दे का असर मध्यप्रदेश और राजस्थान में असर करेगा। अभी तक इसका कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है। एट्रोसिटी एक्ट की नाराजी जरूर मतदाताओं में देखने को मिल रही है। इससे चुनाव के अंतिम चरण में मतदाताओं की खामोशी राजनीतिक दलों के नेताओं को चिंता में डाल रही है मतदान की 3 दिन पहले भी नेता आश्वस्त नहीं है ऊंट किस करवट बैठने वाला है।