उत्तराखंड विस अध्यक्ष के पास अधिकार नहीं : उनियाल

गुड़गांव। उत्तराखंड कांग्रेस के बागी टीम में शामिल वरिष्ठ विधायक सुबोध उनियाल ने अपने समेत अन्य बागी विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से नोटिस जारी करने पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा द्वारा नोटिस जारी करने से पहले ही उनके खिलाफ वे लोग नोटिस दे चुके हैं। ऐसी स्थिति में विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस का कोई अर्थ नहीं।
सदस्यता से पहले है प्रदेश
उनियाल ने कहा कि जहां तक सदस्यता जाने का सवाल है तो प्रदेश को बचाने के लिए वे लोग कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं। पहले प्रदेश है, फिर वह विधायक हैं। कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री रीता बहुगुणा को डैमेज कंट्रोल के लिए लगाए जाने पर उनियाल ने कहा कि रिश्तेदारी से अधिक महत्वपूर्ण प्रदेश का सम्मान है।
उत्तराखंड में है शराब-खनन माफियाओं का शासन
विधायक सुबोध उनियाल ने कहा कि मुख्यमंत्री हरीश रावत शराब एवं खनन माफियाओं के गोद में बैठ गए हैं। देवभूमि उत्तराखंड बर्बाद हो चुकी है। सामूहिक दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ रही हैं। सरकार आम आदमी की बात सुनने को तैयार नहीं है। आखिर प्रदेश को बर्बाद होता कैसे देख सकता था?
रावत सरकार कर रही वरिष्ठ नेताओं का अपमान
उनियाल ने आरोप लगाया कि रावत सरकार में वरिष्ठ नेताओं को अपमानित किया जा रहा था। पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को जो सम्मान मिलना चाहिए था, उन्हें नहीं मिल रहा था। जिस राज्य में पूर्व मुख्यमंत्री को भी उचित सम्मान न दिया जा रहा हो, वहां आम जनता की क्या स्थिति होगी, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
महिलाओं का सम्मान नहीं
बागी टीम में शामिल विधायक शैलारानी रावत ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं का सम्मान नहीं। देवभूमि के नाम से प्रदेश विख्यात है। उस प्रदेश में महिलाओं का सम्मान नहीं हो रहा। कांग्रेस नेतृत्व ने सबकुछ जानते हुए भी आंखें बंद कर रखी हैं। प्रदेश को बचाने के लिए उत्तराखंड सरकार को बर्खास्त करना आवश्यक है।