अभिनेता फैसल मलिक! यह नाम सुनकर शायद आप उनका चेहरा याद करने के लिए कुछ पल का वक्त लगाएं। मगर, प्रह्लाद चा बोलते ही आप झट से पहचान जाएंगे। प्राइम वीडियो की सीरीज 'पंचायत' के इस किरदार ने उन्हें न सिर्फ लोकप्रियता दी है, बल्कि दर्शकों का भरपूर प्यार भी मिल रहा है। सीरीज का चौथा सीजन हाल ही में रिलीज हुआ और पांचवें का एलान हो चुका है। हाल ही में फैसल मलिक ने अमर उजाला के साथ बातचीत में कुछ दिलचस्प किस्से शेयर किए। 

'पंचायत' के सीजन 3 में शहीद के पिता की शूटिंग करना रहा मुश्किल अनुभव

सीरीज के तीसरे सीजन में देखा गया कि प्रह्लाद चा का सीन काफी इमोशनल रहा। वे शहीद के पिता के रूप में नजर आए। उनकी जिंदगी का आखिरी सहारा देश के लिए शहीद हो जाता है। इस सीन ने दर्शकों के दिल को छुआ। मगर, इस सीन को करते हुए फैसल मलिक डरे हुए थे। उन्होंने अपना अनुभव शेयर करते हुए कहा, 'बहुत डर था कि कहीं गड़बड़ न हो जाए। पहली बार में तो मैं डर गया। खुद को नहीं खोल पा रहा था। मगर, जो डायरेक्टर साहब हैं वो मेरे साथ थे कि नहीं-नहीं ये हो जाएगा। तुम बस इसे पढ़ते रहो, देखते रहो। उसको करने-करने में तीन-चार महीना तो सोचने में लगा कि कैसे करेंगे इस सीन को? दिमाग में चल रहा था कि कैसे होगा ये? और होगा तो मैं कैसे करूंगा इसे, क्योंकि मैं इंटरनली ऐसा इंसान नहीं हूं। प्रहलाद पांडे ऐसा आदमी नहीं है, क्योंकि वह हंसता रहता है'। 

इस तरह की किरदार के लिए तैयारी

फैसल मलिक ने बताया, 'कुछ चीजों को पढ़ना शुरू किया। एक्टर लोगों से बातचीत करनी शुरू की। अमित सियाल और संदीप भाई हैं उनसे बात की। उन्होंने काफी चीजें बताईं। स्लीपिंग पैटर्न बदला। जब उस सीन की शूटिंग आई तो सात-आठ दिन कुछ अलग सा हो गया। सोना थोड़ा सा कम कर दिया था। उसी सेम टाइम पर मुझे स्लीप एपनिया हो गया था। मैं बैठकर सोता था, ऑक्सीजन लगाकर। शूटिंग भी चल रही होती थी। दो-ढाई घंटा रोज ऑक्सीजन लगाकर सोता था। वो दुनिया भी चल रही थी, क्योंकि तबीयत भी ठीक नहीं थी। थकान और दर्द उस सीन में दिखना चाहिए तो शरीर को जान-बूझकर थकाने लगा। वो सात-आठ दिन चला। किसी से बात नहीं करता था। शूटिंग की जो पूरी साइकिल रही तो काफी मुश्किल रही। डायरेक्टर ने उस वक्त माहौल भी चुप कर रखा था। कोई किसी से बात नहीं करता था'। 

एक्टिंग में करियर बनाने मुंबई जाने वालों को सलाह 

मुंबई मायानगरी है। बहुत सारे लोग सपना लेकर जाते हैं। ऐसे लोगों को सलाह देते हुए फैसल मलिक ने कहा, 'बहुत सारे लोग अपनी वीडियो रील बनाकर वहां तक पहुंच सकते हैं। लेकिन, जरूरी पार्ट ये है कि एक्टिंग को थोड़ा ट्रेंड की तरह करना चाहिए। थिएटर बहुत जरूरी चीज है। मैंने नहीं किया। थोड़ा बहुत करना चाहिए। थिएटर और अपनी भाषा से प्यार। ये दोनों चीजें बहुत अच्छे से आनी चाहिए। ये दोनों चीजें आपको फोन हटाकर करनी पड़ेंगी। फोन हटाकर थिएटर करने जाना पड़ेगा। भाषा के लिए किताब पढ़नी होंगी'।

पुलिस, सीआरपीएफ और आर्मी से मिलता है प्यार

फैसल मलिक से जब पूछा गया कि कोई ऐसा फैन मूमेंट है, जो याद रह गया हो। जब किसी ने पुकारकर कहा हो कि प्रहलाद चा? इस पर उन्होंने कहा, 'वो तो रोज ही रहता है। लेकिन, मुझे आर्मी, पुलिस के लोग बहुत प्यार करते हैं। बहुत इज्जत से बात करते हैं तो मुझे भी बहुत अच्छा लगता है। कहते हैं और प्रहलाद चा सब ठीक है? घर-परिवार में सब ठीक है। वह मुझे बहुत अच्छा लगता है। ऐसा आए दिन होता है। कोई पुलिस जानती है, कोई सीआरपीएफ वाले जानते हैं। लोग बहुत इज्जत देते हैं। ऊपर वाले को बहुत धन्यवाद कहता हूं'।