14 सरकारी भवनों व 21 पुलिस वाहनों को किया आग के हवाले
इस्लामाबाद । पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद देश में हालात बेकाबू हो गए हैं। भ्रष्टाचार के आरोप में इमरान की गिरफ्तारी के एक दिन बाद बुधवार को भी पाकिस्तान के कई शहरों में हिंसा भड़की और हालात तनावपूर्ण रहे। पिछले 24 घंटे के दौरान कई शहरों में इमरान खान के समर्थकों और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़पों में कम-से-कम 7 लोगों की मौत हो गई और लगभग 300 अन्य घायल हो गए। पुलिस ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में इमरान की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों ने पंजाब में 14 सरकारी भवनों और प्रतिष्ठानों में आग लगा दी। उन्होंने 21 पुलिस वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया। इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) समर्थकों के साथ झड़प में 130 अधिकारी और सुरक्षा बलों के कर्मचारी घायल हो गए। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पंजाब, खैबर-पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में सेना तैनात की गई है।
राजधानी इस्लामाबाद में भी सेना को उतार दिया गया है। प्रदर्शनकारियों ने लाहौर में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के आवास पर हमला कर दिया। पुलिस ने मीडिया को बताय कि 500 से अधिक प्रदर्शनकारी बुधवार तड़के प्रधानमंत्री आवास पर पहुंचे और वहां रखे वाहनों को फूंक दिया। आवासीय परिसर में उन्होंने पेट्रोल बम फेंका और पुलिस बूथ को आग के हवाले कर दिया।इमरान की गिरफ्तारी से नाराज समर्थकों ने मंगलवार को सेना मुख्यालय पर धावा बोल दिया था। उन्होंने सैन्य वाहनों और प्रतिष्ठानों पर हमला करते हुए लाहौर कोर कमांडर के आवास में आग लगा दी थी। पीटीआइ ने गिरफ्तारी की निंदा करते हुए बुधवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का एलान किया।
मीडिया के अनुसार पीटीआई नेतृत्व ने जनता से अपील की है कि वे बढ़ते फासीवाद के खिलाफ सड़कों पर उतरें और समर्थकों को बताएं कि निर्णायक लड़ाई का क्षण आ गया है। इमरान की गिरफ्तारी की खबर मिलते ही देशभर में इसका विरोध शुरू हो गया। उनके समर्थकों ने लाठी-डंडों से लैस होकर पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय सहित सुरक्षा प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थकों ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के खिलाफ वाशिंगटन में पाकिस्तान दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने इमरान खान की रिहाई की मांग की और यहां तक कि मुख्य न्यायाधीश और सेना के जनरलों के खिलाफ नारे भी लगाए।