भोपाल ।  नवंबर में होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग ने तैयारी तेज कर दी है। मुख्य सचिव और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि उन अधिकारियों के तबादले किए जाएं, जो गृह जिले में पदस्थ हैं। साथ ही जिन्हें चार वर्ष की अवधि में एक स्थान पर पदस्थ रहते तीन वर्ष हो चुके हैं। इसके दायरे में चुनाव कार्य में संलग्न अधिकारियों के अलावा अन्य समकक्ष अधिकारी भी आएंगे। आयोग के वरिष्ठ प्रमुख सचिव नरेंद्र एन बुटोलिया ने शुक्रवार को मुख्य सचिव और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को दिए निर्देश में कहा कि 31 जनवरी 2024 की स्थिति में जिन अधिकारियों को एक स्थान पर पदस्थ रहते हुए तीन वर्ष हो चुके हैं या गृह जिले में पदस्थ हैं, उन्हें स्थानांतरित किया जाए। इस दायरे में जिला व उप निर्वाचन पदाधिकारी, रिटर्निंग आफिसर, सहायक रिटर्निंग आफिसर, राजिस्ट्रीकरण व सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के साथ अतिरिक्त, संयुक्त व उप कलेक्टर, तहसीलदार, विकासखंड और समकक्ष श्रेणी के अधिकारी आएंगे। इसके अलावा पुलिस महानिरीक्षक, उप महानिरीक्षक, कमांडेंट, पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, उप पुलिस अधीक्षक, निरीक्षक, उप निरीक्षक, रक्षित निरीक्षक और समक्षक श्रेणी के अधिकारियों के भी तबादले किए जाएंगे।

इन पर प्रविधान नहीं होगा लागू

राज्य मुख्यालय पर पदस्थ विभागीय अधिकारी, डाक्टर, इंजीनियर, प्रिंसिपल, शिक्षक, सेक्टर आफिसर या जोनल मजिस्ट्रेट।

मतदाता सूची के काम से जुड़े अधिकारी-कर्मचारी नहीं हटाए जाएंगे

मतदाता सूची के काम से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले नहीं होंगे। यदि किसी का तबादला करना प्रशासिनक दृष्टि से आवश्यक होगा तो उसके लिए पहले आयोग से अनुमति लेनी होगी। कोई भी तबादला किया जाता है तो उसकी सूचना मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय को अनिवार्य रूप से देनी पड़ेगी। दंडित अधिकारियों की नहीं लगेगी ड्यूटी चुनाव आयोग ने जिन अधिकारियों को दंडित किया है या फिर जांच करने के निर्देश दिए थे, उन्हें चुनाव ड्यूटी में नहीं लगाया जाएगा। जिन अधिकारियों के विरुद्ध आपराधिक मामले चल रहे हैं, उन्हें भी चुनाव प्रक्रिया से दूर रखा जाएगा।

31 जुलाई तक देना होगा पालन प्रतिवेदन

निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिए हैं कि एक स्थान पर पदस्थ रहते हुए जिन अधिकारियों को तीन वर्ष हो चुके हैं, उन्हें स्थानांतरित कर पालन प्रतिवेदन 31 जुलाई तक देना होगा। यह प्रतिवेदन मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक द्वारा आयोग को दिया जाएगा। इसके बाद यदि कोई अधिकारी ऐसा पाया जाता है जिसे तीन साल एक स्थान पर पदस्थ रहते हुए हो गए हैं और उसे नहीं हटाया गया है तो आयोग अपने स्तर से उस पर कार्रवाई करेगा। 15वीं विधानसभा का कार्यकाल छह जनवरी 2024 को पूरा हो रहा है। इसके पूर्व चुनाव प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।