वाशिंगटन। अमेरिकी वित्त विभाग के सीनेट समिति के अध्यक्ष रॉन विडेन ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा है कि भारत में गेहूं और चावल पर दी जा रही सब्सिडी बाजार की कीमतों को प्रभावित करती है जिससे अमेरिकी किसानों का नुकसान होता है। ऐसे में अमेरिका के किसानों के लिए एशियाई बाजार में टिक पाना कठिन होता जा रहा है। 
बाइडेन सरकार में एक शीर्ष व्यापार अधिकारी कैथरीन टाई ने अमेरिकी सांसदों को बताया कि भारत ने अमेरिकी कृषि उद्योग के लिए 12 अलग-अलग श्रेणियों में अपना बाजार खोल दिया है। उन्होंने भारत में गेहूं और चावल पर दी जा रही सब्सिडी पर चिंता जताई कि अमेरिकी किसानों ओर व्यवसायों की सुरक्षा के लिए व्यापार नियमों को लागू करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हम कड़ी मेहनत करने वाले अमेरिकी परिवारों और ग्रामीणों के लिए बाजार खोल रहे हैं।  पिछले तीन सालों में हमारी सरकार ने नए कृषि बाजार वैल्यू को 21 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने का काम किया है। उन्होंने आगे कहा कि व्यापार सभी अमेरिकियों के हित में होना चाहिए। हमारा लक्ष्य अमेरिकी व्यापार नीति में अमेरिकियों को एक दूसरे के खिलाफ लड़ाई को बंद कराना है। यही कारण है कि हम व्यापार नीति निर्धारण में ज्यादा से ज्यादा आवाजों को शामिल करने के लिए असाधारण कदम उठा रहे हैं.
वही विगत दिनों अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने भारत-अमेरिका के बीच हुए जेट डील समझौते को क्रांतिकारी बताया था। इस समझौते के तहत दोनों देश संयुक्त रूप से भारतीय वायु सेना के लिए लड़ाकू जेट इंजन बनाएंगे। बता दे जून में पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान ही भारत और अमेरिका के बीच फाइटर जेट इंजन को लेकर डील हुई थी। भारत के लिए यह डील बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे हवाई क्षमता का विस्तार होगा। अमेरिका इस डील के तहत भारत को फाइटर जेट इंजन की महत्वपूर्ण तकनीक देगा।