बरेली (उत्तर प्रदेश)| लावारिस बच्ची का गलत ढंग से धर्म परिवर्तन करने के आरोप में माल्टा के एक दंपति और एक अनाथालय के अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। तीन साल पहले बच्ची को लावारिस हालत में पाया गया था और दंपति ने उसे गोद ले लिया था। सीता नाम की बच्ची को एक सप्ताह बाद माल्टा जाना था।

सामाजिक कार्यकर्ता अंशु कुमार की शिकायत पर अनाथालय के अधिकारी, बच्चे के दत्तक माता-पिता और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज किया गया।

कुमार ने आरोप लगाया कि अनाथालय के कर्मचारियों ने बच्ची का धर्म बदल दिया था और उसे 'नए ईसाई नाम' से आधार कार्ड बना दिया।

आरोपों का खंडन करते हुए, अनाथालय अधीक्षक, प्रिमरोज एडमंड ने कहा, इसमें मेरी कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं है। बच्ची का नाम अभी भी सीता है और माल्टा के उसके नए माता-पिता उसे उसी नाम से बुलाते हैं।

एक अनाथालय के कर्मचारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा, एक स्थानीय नेता सीता को गोद लेना चाहता था, लेकिन वह नहीं कर सका और अब वह गोद लेने की प्रक्रिया में देरी के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है। उन्होंने उसका नाम नहीं बदला है। रिकॉर्ड में उसका नाम केवल मैनुएला सीता कैमिलेरी' के रूप में अपडेट किया गया है। कैमिलेरी' उसके नए माता-पिता का उपनाम है और मैनुअल पिता का पहला नाम है।

स्टाफ सदस्य ने कहा, सीता विशेष जरूरतों की श्रेणी में आती है, क्योंकि वह दौरे पड़ने की बीमारी से पीड़ित है। उसे इस साल तीन बार एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसकी गोद लेने की प्रक्रिया में देरी से उसकी जान को भी खतरा है।

इस बीच पुलिस अधीक्षक (बरेली शहर) राहुल भाटी ने कहा, एक शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी कि अनाथालय वहां रहने वाले बच्चों का धर्म बदल रहा है और सीता का उदाहरण ऐसे ही एक मामले के रूप में दिया गया था। तथ्यों का सत्यापन किया जा रहा है।