प्रयागराज: सर्किट हाउस में कैंप कर रहे पांच सदस्यीय न्यायिक आयोग ने रविवार को काल्विन अस्पताल के आसपास रहने वाले कई लोगों से पूछताछ की। हत्याकांड के बारे में जानकारी लेकर उनका बयान अंकित किया।

आयोग की ओर से यह जानने की कोशिश हुई कि पुलिस की सुरक्षा में चूक हुई थी या नहीं। सोमवार को भी आयोग के सामने कुछ लोगों को पेशकर होकर अपना बयान दर्ज करवाना है। 15 अप्रैल की रात मोती लाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय (काल्विन) में अतीक और अशरफ की गोली मारकर हत्या की गई थी। पुलिस ने मौके से ही शूटर लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्या को दबोच लिया था।

पुलिस पर उठे थे सवाल

पुलिस अभिरक्षा में हुई हत्या से पुलिस पर सवाल उठने लगे थे, जिस पर शासन स्तर पर पहले तीन और फिर पांच सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया गया था। आयोग के अध्यक्ष इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस दिलीप बाबा साहेब भोसले को बनाया गया है, जबकि रिटायर चीफ जस्टिस, पूर्व डीजीपी सहित चार सदस्य बनाए गए हैं।

आयोग के सभी सदस्य शनिवार को लखनऊ से प्रयागराज आए और फिर सर्किट हाउस में कैंप कार्यालय बनाया। यहां आमजन के पांच से छह लोगों को बुलाकर हत्याकांड के बारे में पूछताछ की गई। रविवार को घटनास्थल यानी काल्विन अस्पताल के आसपास रहने वाले कई लोगों का बयान अंकित किया गया है।

कुछ और पुलिसकर्मियों से हो सकती है पूछताछ

सूत्रों का कहना है कि आयोग अभी कुछ और पुलिसकर्मियों से पूछताछ करेगा, ताकि जांच रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जा सके। इससे पहले भी सर्किट हाउस में कैंप कर चुका है और घटनास्थल का निरीक्षण करते हुए एमएनएनआइटी के इंजीनियरों से मैपिंग कराई गई थी।