लखनऊ | योगी के यूपी में 2023 में नेशनल यूनिवर्सिटी गेम्स होने हैं। यह देश के युवा खिलाड़ियों का महाकुंभ जैसा आयोजन है। इसमें करीब 8000 खिलाड़ी और अन्य स्टाफ भाग लेंगे। यह पिछले आयोजन की तुलना में करीब दोगुना है। करीब दो दर्जन खेलों में खिलाड़ी अपनी प्रतिभा दिखाएंगे। आयोजन को दिव्य एवं भव्य बनाने के लिए जोर-शोर से तैयारियां जारी हैं। प्रयास यह किया जा रहा है कि मेहमानों की मेजबानी हर लिहाज से ऐसी हो कि यहां आए खिलाड़ी नए भारत के नए उत्तर प्रदेश की छवि साथ लेकर जाएं। इन्हीं मुद्दों को केंद्र में रखकर इस बाबत शासन स्तर पर अभी 22 दिसंबर को उच्चस्तरीय बैठक भी हुई थी। इसमें विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल, भारतीय खेल प्राधिकरण के निदेशक संदीप प्रधान,  खेलो इंडिया की सीनियर निदेशक एकता विश्नोई के अलावा जिलों के भी खेल अधिकारी मौजूद थे।

अप्रैल-मई तक लखनऊ में एक खेल गांव बस जाएगा। इस गांव में हर तरह एवं हर रेंज के चिकेन के कपड़े समेत लखनऊ की पहचान से जुड़े स्टॉल लगेंगे।

लखनऊ के प्रमुख मेट्रो रेलवे स्टेशनों को भी नेशनल यूनिवर्सिटी गेम्स की थीम पर सजाया जाएगा। लखनऊ विश्वविद्यालय में भी कमोबेश ऐसा ही नजारा होगा। जिन जिलों में नेशनल यूनिवर्सिटी गेम्स होंगे, वहां के क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया गया है। जहां भी खेल होंगे, खिलाड़ियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए वहां विशेषज्ञ चिकित्सक एवं फिजियोथेरेपिस्ट भी रहेंगे।

आयोजन में कुल 22 खेल होंगे। अलग-अलग खेलों के लिए उन शहरों को चुना गया है, जहां उनकी परंपरा रही है और इनके लिए बुनियादी सुविधाएं भी मौजूद हैं। शासन स्तर से इन सुविधाओं को और बेहतर किए जाने के निर्देश भी दिए जा चुके हैं। मौके पर जाकर लगातार इनकी निगरानी भी की जा रही है।

उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव खेल एवं युवा कल्याण नवनीत सहगल का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में उत्तर प्रदेश में एक नई खेल संस्कृति का विकास हो रहा है। स्थानीय स्तर पर सांसद, विधायक खेल प्रतियोगिता, हर जिले में खेलो इंडिया सेंटर, फोकस्ड तरीके से प्रतिभाओं को तराशने के लिए एक जिला, एक खेल योजना, हर गांव में जिम आदि इसके प्रमाण हैं। मुख्यमंत्री का यह भी मानना है कि ऐसे आयोजनों से युवा प्रतिभाओं की पहचान होती है। कोशिश है कि उन्हें तराशकर उनके प्रदर्शन को उच्चतम स्तर तक पहुंचाया जा सके,  जिससे वे देश एवं प्रदेश का नाम राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन कर सकें। खिलाड़ी अलग-अलग भाषा एवं क्षेत्र के होते हैं। इस लिहाज से ऐसे आयोजन देश की सांस्कृतिक एकता को भी मजबूत करते हैं।