बलरामपुर :  मच्छर जनित बीमारी और उसकी रोकथाम को लेकर जागरूकता लाने के लिए प्रत्येक वर्ष 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष 2024 में ‘‘समुदाय में सहभागिता से डेंगू नियंत्रण करें’’ की थीम पर राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाएगा। इसी कड़ी में जिले में कलेक्टर श्री रिमिजियुस एक्का के निर्देशन एवं जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी रेना जमील के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर विभिन्न गतिविधियां आयोजित किये जायेंगे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बसंत कुमार सिंह ने बताया की जिले के सभी आरोग्य आयुष्मान केन्द्रों में जागरूकता हेतु डेंगू जागरूकता गतिविधि का आयोजन किया जाएगा। जिले के सभी ग्रामों में मितानिन दीदियों द्वारा नारा लेखन कार्य भी किया जायेगा। डॉ. सिंह ने बताया की जिले में सभी स्वास्थ्य केंद्र व जिला अस्पताल में डेंगू जांच किट सुविधा उपलब्ध है वही किट से सकारात्मक आये मरीज के सत्यापन हेतु सैंपल जांच हेतु राज्य से चिन्हांकित मेडिकल कॉलेज में भेजे जाते हैं। जिला अस्पताल बलरामपुर में डेंगू वार्ड भी बनाया गया है, इस वर्ष जिले में अभी तक एक भी डेंगू के प्रकरण नहीं मिले है साथ ही बताया कि गत वर्ष 03 रोगियों की पुष्टि हुई थी जो कि जिले से बाहर गए हुए थे, जहां उनको डेंगू बीमारी हुई थी। सभी विकासखण्ड में डेंगू नियंत्रण दल का गठन भी किया है जो की समय समय पर रोकथाम के लिए कार्य करता है।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुश्री स्मृति एक्का ने बताया की डेंगू एक मच्छर जनित वायरल इन्फेक्शन है, डेंगू होने पर तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों एवं जोड़ो में दर्द, त्वचा पर चतके निकल जाते है। डेंगू बुखार को हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं। एडीज मच्छर के काटने से डेंगू बीमारी होती है। डेंगू दिवस पर जन सचेतना हेतु जिले के सभी ग्रामों में मितानिन के माध्यम से नारा लेखन, आयुष्मान आरोग्य मंदिर में डेंगू नियंत्रण हेतु जन सचेतना एक्टिविटी किया जायेगा। साथ ही सोशल मीडिया व्हाट्सएप, फेसबुक के माध्यम से भी डेंगू बीमारी रोकथाम हेतु प्रचार प्रसार किया जायेगा। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. सुबोध सिंह ने डेंगू होने पर डॉक्टर से कब संपर्क करना है इसके बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि डेंगू में व्यक्ति को बहुत तेज बुखार आता है, इसलिए यदि किसी क्षेत्र विशेष में डेंगू का संक्रमण फैला हुआ हो तो बुखार आने और अन्य लक्षण जैसे बदन दर्द, जी मिचलाना, भूख की कमी यह सब होने पर तुरंत निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर से संपर्क करें, डेंगू की पुष्टि के लिए जरूरी जांच करवानी चाहिए। उन्होंने इससे बचाव हेतु उपाय भी बताया जिसमें डेंगू से खुद को सुरक्षित रखने का प्राथमिक तरीका मच्छर के काटने से दूरी बनाए रखना है। डेंगू फैलाने वाले मच्छर रुके हुए पानी में पनपते हैं, इससे बचने के लिए कूलर, टायर, प्लास्टिक कवर, फूल के बर्तन, नारियल के खोल, जानवरों की पीने के नाद में पानी रुके रहते हैं जो की इनके पनपने हेतु उत्तम जगह है, रुके हुए इस पानी को खाली कर हम डेंगू बीमारी से बच सकते हैं। मच्छरदानी का प्रयोग से, नीम का धुवां करके हम मच्छर जनित रोग से बच सकते हैं। सबसे अहम है पानी का ठहराव पानी जहां रुकेगा मच्छर वहां पनपेगा इसलिए कहीं भी पानी जमा होने न दे। कूलर को सप्ताह में एक बार पानी अवश्य खाली  करें व सोते वक्त मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें।