भोपाल  ।  विश्व रिकार्ड बनाने के लिए भोपाल में 3700 किलो यानी 37 क्‍विंटल खिचड़ी पकेगी। इसके लिए एक विशेष हांडी भी तैयार करवाई गई है, जो करीब 1200 किलो यानी 1.2 टन वजनी है। गुरुवार सुबह 10 बजे से खिचड़ी बननी शुरू होगी, जो शाम चार बजे तक कुल छह घंटे में बनकर तैयार हो जाएगी। विश्व रिकार्ड के लिए गिनीज वर्ल्‍ड रिकार्ड में पंजीयन भी कराया गया है। इस आयोजन के दौरान विशेषज्ञ की टीम मौजूद रहेगी, जबकि खिचड़ी बनाने से लेकर लोगों में बांटने तक की वीडियोग्राफी भी की जाएगी। भेल में 37 साल नौकरी करने वाले रमेश कुमार महाजन 24 अप्रैल को भेल से सेवानिवृत हुए हैं। वही यह आयोजन करा रहे हैं। दावा है कि अब तक का रिकार्ड 1995 किलो खिचड़ी का है, इसलिए वे आसानी से रिकार्ड को तोड़ देंगे।

महाजन भेल में टेक्नीशियन ग्रेड-एक पोस्ट पर पिछले 37 साल से कार्यरत थे। अवधपुरी में आधारशिला स्थित श्री साईं मंदिर में 27 अप्रैल, गुरुवार की शाम को खिचड़ी वितरित करने का कार्यक्रम होगा। महाजन साईं मंदिर के व्यवस्थापक भी हैं। उन्होंने ही 11 अक्टूबर 2008 को मंदिर की स्थापना की थी। हर साल इसी दिन खिचड़ी के भंडारे का आयोजन होता है। जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं। वहीं, प्रत्येक गुरुवार को भी खिचड़ी का वितरण होता है। अबकी बार महाराज ने खिचड़ी का भंडारा पहले ही करने की ठानी। ऐसा सेवानिवृत्त होने पर कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा खिचड़ी पकाने के रिकार्ड के बारे में जब पता लगाया तो शिमला के मंडी जिले में जनवरी 2020 में रिकार्ड बना था। इसमें 1995 किलो खिचड़ी बनाई गई थी। हम इससे दोगुनी मात्रा में खिचड़ी बना रहे हैं, इसलिए पिछले साल नवंबर में ही गिनीज वल्र्ड रिकार्ड के लिए पंजीयन करा दिया था। श्रद्धालु कमलेश नागपुरे ने बताया कि खिचड़ी पकाने से लेकर वितरित करने की पूरी प्रोसेस विशेषज्ञ की टीम की देखरेख में होगी। इसके लिए सिविल इंजीनियर, मैकेनिकल इंजीनियर और गजेडेट आफिसर को जिम्मेदारी दी गई है। वहीं, 24 घंटे की वीडियो रिकार्डिंग भी की जाएगी। यह रिकार्डिंग खिचड़ी पकाने की शुरुआत से होगी।

खुद महाजन ही बनवाएंगे खिचड़ी

खिचड़ी बनाने में करीब पांच लाख रुपए का खर्च आएगा, जो खुद महाजन ही उठा रहे हैं। विशेष बात ये है कि खिचड़ी पकाने की पूरी जिम्मेदारी महाजन पर ही रहेगी। उनके निर्देशन में पुष्पराज रघुवंशी, शशि कुमार समेत 25 लोगों की टीम जुटेगी। सभी गिनीज वल्र्ड रिकार्ड की लोगो लगी टी-शर्ट पहनकर रखेंगे। मंदिर में हर साल खिचड़ी का भंडारा होता है, इसलिए महाजन ने विशेष तौर पर बड़ी हांडी बनवाई है।

शिर्डी तक हाथ के बल और पैदल कर चुके यात्रा

महाजन वर्ष 2006 में भोपाल से शिर्डी तक की यात्री हाथ के बल और पैदल कर चुके हैं। वे भोपाल से इंदौर तक हाथ के बल पहुंचे थे। फिर पैदल शिर्डी तक गए थे। वहां से सांई बाबा की मूर्ति सिर पर रखकर लाए थे। इसके बाद तीन बार वे पैदल यात्रा कर चुके हैं।

खिचड़ी निर्माण में लगेगी यह सामग्री

इसमें तीन क्‍विंटल 80 किलो सब्जी, आलू, कद्दू, टमाटर, धनिया, गाजर, पत्ता गोभी, फूल गोभी, मिर्च, धनिया और बरबटी शामिल हैं। खिचड़ी में साढ़े तीन क्‍विंटल चावल के साथ हरी मूंग 60 किलो, तुअर दाल 40 किलो, घी तीन किलो, हल्की साढ़े तीन किलो, धनिया तीन किलो, हिंग 300 ग्राम, जीरा तीन किलो समेत अन्य सामग्री लगेगी।