प्रयागराज: यूपी बोर्ड की हाईस्कूल की लिखित परीक्षा में विद्यार्थियों के अच्छे अंक बाद भी विद्यालयों की गड़बड़ी से आंतरिक मूल्यांकन में इकाई में अंक मिलने से अनुत्तीर्ण छात्र-छात्राओं के हित में बोर्ड बड़ा फैसला ले सकता है।

बोर्ड ने गड़बड़ी के कारण की जांच कराई है। पता चला है कि विद्यालयों की ओर से कराई गई फीडिंग में त्रुटि के कारण ऐसा हुआ। छात्र-छात्राओं की गलती नहीं होने के कारण उन्हें बड़ी राहत दी जा सकती है, लेकिन त्रुटि करने वाले विद्यालय कार्यवाही के दायरे में आएंगे।

आंतरिक मूल्यांकन में कम अंक मिलने के कारण हुए अनुत्तीर्ण

हाईस्कूल की परीक्षा में 30 अंक आंतरिक मूल्यांकन के निर्धारित थे, जो विद्यालय की ओर से प्रोजेक्ट कार्य आदि में मिलने थे। 25 अप्रैल को जब परिणाम घोषित किया गया तो कुछ परीक्षार्थी लिखित परीक्षा में अच्छे अंक पाने के बावजूद आंतरिक मूल्यांकन में तीन से सात तक अंक मिलने के कारण अनुत्तीर्ण हो गए।

अमेठी के विद्यालय के परीक्षार्थियों के फेल होने पर बोर्ड की ओर से कम अंक देने के प्रधानाचार्य के आरोप और क्षेत्रीय कार्यालय वाराणसी के तत्कालीन अपर सचिव की संस्तुति के बाद बोर्ड सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने जांच कराई थी।

फीडिंग में हुई गड़बड़ी

इसमें विद्यालय की ओर से पोर्टल पर कराई गई फीडिंग में गड़बड़ी मिली थी। ऐसे सभी प्रकरणों की पूरी जांच कराई गई तो सामने आया कि जिन विद्यालयों ने आंतरिक मूल्यांकन के अंक परिषद के पोर्टल पर अपलोड नहीं किए थे, उन्हें अवसर देते हुए पोर्टल पुन: खोला गया था। उस दौरान कुछ उन विद्यालयों की ओर से अंक संशोधित कर दिए गए, जो पहले अंक अपलोड करा चुके थे।

ऐसे में बोर्ड विद्यालय की ओर से पूर्व में फीड अंक को सही मानकर परिणाम घोषित कर सकता है, जिसमें ये परीक्षार्थियों उत्तीर्ण हो सकते हैं। परिणाम जल्द घोषित किए जाने की तैयारी है। हालांकि यह त्रुटि करने वाले विद्यालयों के विरुद्ध नरमी नहीं बरती जाएगी।