यूपी पावर कॉरपोरेशन घोटाले के मुख्य आरोपी पीके गुप्ता को मिली जमानत

इलाहाबाद| हाल ही में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपी पावर कॉरपोरेशन घोटाले के मुख्य आरोपी पीके गुप्ता को ज़मानत दे दी।
जस्टिस पंकज भाटिया की कोर्ट ने कहा कि मामले की गम्भीरता और अधिक सजा किसी को जेल में रखने का एक मात्र आधार नहीं हो सकता, जबकि ट्रायल जल्द शुरू होने कि कोई सम्भावना नहीं है।हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश के प्रमुख घोटाले में से एक है ईपीएफ का पैसा डीएचएफएल में गलत निवेश के माध्यम से हेराफेरी और डायवर्जन जिसके परिणामस्वरूप यूपी पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के कर्मचारियों के पैसे के लिए कई सौ करोड़ का घोटाला हुआ।शुरुआत में मामले की जांच ईओडब्ल्यू ने की थी और प्रबंध निदेशक अयोध्या प्रसाद मिश्रा, महाप्रबंधक सुधांशु द्विवेदी और ईपीएफ के सचिव पीके गुप्ता को गिरफ्तार किया गया था।
इसके बाद कुछ चार्टर्ड एकाउंटेंट और निजी व्यक्तियों के साथ-साथ पीके गुप्ता के बेटे अभिनव गुप्ता को उनके दोस्त आशीष चौधरी के साथ गिरफ्तार किया गया क्योंकि वे कमीशन के फर्जी लेनदेन करके करोड़ों रुपये की रिश्वत पैदा करने के आरोप थे।
जमानत याचिका पर पीके गुप्ता के वकील पूर्णेंदु चक्रवर्ती और सुश्री कामिनी जायसवाल ने मुख्य रूप से दलील दी कि सभी आरोपी व्यक्तियों को जमानत पर रिहा कर दिया गया है।तर्कों का खंडन करते हुए सीबीआई के वकील अनुराग सिंह ने जमानत का विरोध किया और अदालत को सूचित किया कि सुधांशु द्विवेदी की दूसरी जमानत याचिका खारिज कर दी गई है और पीके गुप्ता मुख्य आरोपी हैं, लेकिन उच्च न्यायालय ने तथ्यों और कानून को देखते हुए 5 लाख रुपये के मुचलके पर जमानत की अनुमति दी।