पचमढ़ी में मिला बाघ शावक का शव, चल रही जांच
भोपाल । प्रदेश के नर्मदापुरम जिले पचमढ़ी वन परिक्षेत्र एक बाघ शावक का शव मिला है। शावक की पसलियां व रीढ की हड्डी टूटी हुई है।साथ ही चेहरे, पीठ, गले पर जगह-जगह चोट के निशान है। मादा बाघ शावक का शव मिलने के मामले की जांच सतपुड़ा टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर संभावना जताई जा रही है कि संभवत: किसी अन्य का बाघ ने हमला कर मादा शावक को मार दिया है। शावक के की पसलियां व रीढ की हड्डी टूटी हुई है। यह चोट तभी होती है जब जब किसी अन्य जानवर द्वारा हमला किया गया हो। कई जगह नुकीले नाखून के निशान भी नजर आए हैं। मादा शावक के शव का प्रोटोकाल के तहत अंतिम संस्कार कर दिया गया है। माना जा रहा है कि इलाके में दबदबा कायम रखने के लिए किसी अन्य बाघ ने बाघिन के बच्चे पर हमला किया किया होगा। मादा शावक का शव मिलने की सूचना मिलने के बाद सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के आला अधिकारियों के साथ ही स्थानीय अधिकारी कर्मचारी मौके पहुंच गए थे। खोजबीन के दौरान घटना स्थल से आधा किमी दूरी पर बाघिन मिली है। एसटीआर के अधिकारियों का मानना है कि मादा शावक कुछ देर के लिए अपनी मां से अलग हुई है इसी दौरान घात लगाए बैठे किसी बाघ ने हमला कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। एसटीआर द्वारा जंगल के कुछ इलाकों में खोजबीन की गई है, साथ ही बाघिन पर भी नजर रखी जा रही है। एसटीआर अधिकारियों के मुताबिक कई बार इलाके में वर्चस्व स्थापित करने के लिए बाघ अपने ही कुनबे पर हमला कर देते हैं। बाघ की पहचान अभी नहीं हो सकी हैं। वहीं बाघिन के बारे में बताया जा रहा है कि कुछ दिनों से पचमढ़ी परिक्षेत्र में मूवमेंट कर रही थी। बाघिन के और भी शावक साथ होने की संभावना जताई जा रही है।मादा शावक की मौत के सही कारणों का पता करने के लिए अवयवों को एकत्रित कर प्रयोगशाला भेजा गया है। पीएम रिपोर्ट के आधार पर ही मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा। एसटीआर क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं, इसके चलते शिकार होने की बात अधिकारी खारिज कर रहे हैं। पीएम रिपोर्ट मिलने के बाद एसटीआर प्रबंधन अपनी रिपोर्ट तैयार करेगा। इस बारे में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, नर्मदापुरम के क्षेत्र संचालक एल कृष्णमूर्ति का कहना है कि मादा शावक की मौत किन परिस्थियों में हुई इसकी जांच की जा रही है। पीएम रिपोर्ट मिलने के बाद सही स्थिति सामने आ सकेगी। एसटीआर में वन्यप्राणियों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।