कांग्रेस का फोकस धर्मस्थलों और आदिवासियों पर
भोपाल। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा अगले 10 दिन बाद प्रदेश में प्रवेश करेगी। मालवा-निमाड़ से गुजरने वाली यह यात्रा ठीक उसी समय होगी, जब गुजरात चुनाव का प्रचार जोरों पर होगा। 20 नवंबर की रात भारत जोड़ो यात्रा मप्र में बुरहानपुर से प्रवेश करेगी। 21 को विश्राम के बाद 22 नवंबर को बुरहानपुर से यात्रा की प्रदेश में शुरुआत होगी। मात्र 382 किलोमीटर की यात्रा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, इंदौर, उज्जैन और आगर सहित कुल 6 जिलों को कवर करेगी, लेकिन यात्रा का संदेश पूरे देश में जाए, इसके लिए राहुल नर्मदा और शिप्रा का न केवल पूजन करेंगे, बल्कि महाकाल और ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन भी करेंगे। इंदौर में देवी अहिल्या का पूजन, महू में बाबा साहेब आंबेडकर की जन्मस्थली और आदिवासी समाज को साधने टंट्या मामा भील की जन्मस्थली भी जाएंगे। खुद पीसीसी चीफ ने राहुल गांधी की यात्रा के रूट को लेकर यह बात स्पष्ट की है।
पीसीसी चीफ कमलनाथ ने स्पष्ट किया कि राहुल गांधी यात्रा में ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन, मां नर्मदा का पूजन, दरगाह-ए-हकीमी, गुरुद्वारा बुरहानपुर, बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की जन्मस्थली महू, संविधान दिवस का कार्यक्रम, देवी अहिल्या बाई व टंट्या भील की जन्मस्थली पर श्रद्धासुमन अर्पित करने जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम में जाएंगे। यह सभी आयोजन प्रस्तावित हैं। कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा और संतोष सिंह गौतम के मुताबिक कार्यकर्ता जनता के साथ यात्रा की तैयारी को अंतिम स्वरूप दे रहे हैं। हर हिस्से का कार्यकर्ता भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होना चाहता है। इसी कारण पीसीसी चीफ कमलनाथ ने प्रदेश के विभिन्न जिलों से आई मांगों के आधार पर विभिन्न क्षेत्रों से उपयात्राएं शुरू की हैं। 15 से अधिक उपयात्राएं राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में अलग-अलग स्थानों पर जुड़ेंगी।
कांग्रेस की नजर आदिवासी वोटर पर भी है। दावा है खरगोन से इंदौर तक 4 लाख से ज्यादा आदिवासी बंधु इस यात्रा में शामिल होंगे। आदिवासी कांग्रेस के नेशनल को-ऑर्डिनेटर और मप्र आदिवासी कांग्रेस के उपाध्यक्ष राधेश्याम मूवेल ने बताया कि बड़वानी के बंधु सनावद में, खरगोन के देशगांव में, आलीराजपुर से झाबुआ और फिर पदयात्रा इंदौर में आकर मिलेंगे। खेतिया से आने वाली यात्रा बड़वाह में मिलेगी।