डॉक्टरों को 10 दिन में रीवेरिफिकेशन कराना जरूरी
- एमपी मेडिकल काउंसिल में नहीं करवाया रीवेरिफिकेशन तो खतरे में पड़ सकती है डॉक्टरी
भोपाल । मप्र के हर सरकारी और प्रायवेट डॉक्टर को दस दिनों के भीतर मप्र मेडिकल काउंसिल में री-वेरिफिकेशन कराना जरूरी है। 31 मार्च तक ऑनलाइन री-वेरिफिकेशन न कराने वाले डॉक्टरों की प्रेक्टिस संकट में पड़ सकती है। ऐसे में मप्र के प्रत्येक डॉक्टर को एमपी ऑनलाइन के जरिए एमपी मेडिकल काउंसिल में री- वेरिफिकेशन का आवेदन करना जरूरी होगा। मप्र मेडिकल काउंसिल में साल 1939 से करीब 56 हजार डॉक्टर रजिस्टर्ड हैं लेकिन एक बार पंजीयन के बाद कभी इनका दोबारा सत्यापन नहीं कराया गया लेकिन जमीनी स्तर पर डॉक्टरों की संख्या 25 हजार के आसपास ही है। ऐसे में वास्तविक डॉक्टरों की सही जानकारी लेने और रिकॉर्ड अपडेट करने के लिए मप्र मेडिकल काउंसिल ने री- वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू की है। इसमें मप्र के हर डॉक्टर को अपना पुर्नसत्यापन कराना जरूरी है।
2019 से ऑनलाइन हुआ रिकॉर्ड
मप्र मेडिकल काउंसिल ने डॉक्टरों का पूरा रिकॉर्ड साल 2019 से ऑनलाइन दर्ज करना शुरू किया है। मेडिकल काउंसिल के रजिस्टर में 56 हजार डॉक्टर दर्ज हैं लेकिन ऑनलाइन रिकॉर्ड 40 फीसदी से भी कम डॉक्टरों का मिल पाया है। ऐसे में काउंसिल ने री- वेरिफिकेशन शुरू कराया है। फरवरी से यह प्रक्रिया शुरू की गई थी इसमें अब तक दो बार डेट बढ़ाई जा चुकी है अब काउंसिल ने री-वेरिफिकेशन के लिए 31 मार्च को लास्ट डेट तय की है। अब तक मात्र एक हजार डॉक्टरों के री-वेरिफिकेशन के आवेदन आए हैं।
डॉक्टर ऐसे कर सकते हैं री-वेरिफिकेशन
एमपी ऑनलाइन के जरिए मप्र मेडिकल काउंसिल की वेबसाइट पर यहां क्लिक कर यूजर प्रोफाइल क्रिएट करनी होगी। इसके बाद यदि डॉक्टर पहले से रजिस्टर्ड हैं तो री-वेरिफिकेशन का फॉर्म ओपन हो जाएगा। इस फॉर्म में अपनी त्र और क्कत्र की डिग्री के डॉक्यूमेंट्स और मांगे गए अन्य दस्तावेज अपलोड़ कर 50 रूपए पोर्टल चार्ज अदा कर फॉर्म सबमिट करना होगा। इसके बाद मेडिकल काउंसिल से सत्यापन के बाद नया रजिस्ट्रशन नंबर और नया सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाएगा। जो डॉक्टर पहले से पोर्टल पर रजिस्टर्ड नहीं हैं उन्हें नए सिरे से यूजर प्रोफाइल बनाकर रजिस्टर करना होगा।
56 हजार डॉक्टरों का पता नहीं
मप्र मेडिकल काउंसिल के अफसर बताते हैं कि एमपी मेडिकल काउंसिल के रजिस्टर में साल 1939 से करीब 56 हजार डॉक्टर दर्ज हैं लेकिन ये जानकारी काउंसिल के पास नहीं भेजी गई कि कितने डॉक्टरों की मृत्यु हो चुकी है कितने विदेश चले गए और कितने विदेशी छात्र पढ़ाई पूरी कर वापस अपने देश चले गए। मेडिकल काउंसिल री-वेरिफिकेशन के बाद डॉक्टरों के चालू मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी भी अपडेट कराएगा। इससे मप्र मेडिकल काउंसिल द्वारा जारी होने वाले आदेशों और नोटिफिकेशन की जानकारी डॉक्टरों को मिलती रहेगी।