निवेश के लिए निवेशक सबसे पहले यह देखता है कि कहां कम रिस्क है। इसके लिए वह कई ऑप्शन के बारे में रिसर्च भी करवाते हैं। अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो आप कन्फ्यूज रहते हैं कि आपको कौन-से इंडेक्स फंड में निवेश करना चाहिए। सही इंडेक्स फंड सेलेक्ट करने में कई बार निवेशकों को काफी परेशानी का सामना करन पड़ता है। दरअसल, इंडेक्स फंड को ट्रैक करने के लिए आज कई ऑप्शन हैं। ऐसे में सवाल है कि निवेशक को सही इंडेक्स फंड सेलेक्ट करने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
इंडेक्स फंड सेलेक्ट करने से पहले आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है।

एक्सपेंस रेशियो

आपको यह जरूर देखना चाहिए कि आप जिस फंड में निवेश कर रहे हैं उसका एक्सपेंस रेश्यो कितना है। एक्सपेंस रेश्यो एक तरह का चार्ज है जो म्यूचुअल फंड हाउस इन्वेस्टर्स से लेता है। अगर कंपनी कम फीस लेती है तो इसका मतलब है कि निवेशकों को ज्यादा लाभ होने की संभावना है।

कम निवेश में ज्यादा रिटर्न

आपको उस फंड में निवेश करना चाहिए जिसमें कम खर्च हो यानी कम फीस लगे। कम खर्च वाले फंड में आपको रिटर्न से सही तरीके से फायदा होगा।

ट्रैकिंग एरर

जब इंडेक्स फंड और बेंचमार्क इंडेक्स के परफॉर्मेंस के बीच में अंतर होता है तो इसे ट्रैकिंग एरर कहते हैं। ऐसे में सही इंडेक्स फंड सेलेक्ट करते समय आपको यह देखना जरूर है कि किस फंड का ट्रैकिंग एरर कम है। जिस फंड का ट्रैकिंग एरर कम होता है आपको वह सेलेक्ट करना चाहिए। दरअसल, इससे पता चलता है कि फंड बेंचमार्क इंडेक्स को सही तरह से ट्रैक कर रहा है।

निवेश से पहले रखें ध्यान

इंडेक्स फंड में उन निवेशकों को निवेश करना चाहिए जो शेयर बाजार से जुड़ी जटिलता से बचना चाहते हैं।
इंडेक्स फंड एक स्पेशल इंडेक्स को ट्रैक करता है। ऐसे में निवेशक को शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव की चिंता कम होती है।
इस फंड में स्टॉक मार्केट की तुलना में जोखिम कम होता है। यह फंड पूरे इंडेक्स को डायवर्सिफाइड तरीके से ट्रैक करता है।
इंडेक्स फंड का एक्सपेंस रेश्यो बाकी एक्टिव फंड की तुलना में कम होता है। कम एक्सपेंस रेश्यो होने की वजह से निवेशक को काफी अच्छा रिटर्न मिलता है।

निवेश के वक्त रहें सावधान

अगर आप इंडेक्स फंड में निवेश करने का सोच रहे हैं तो बता दें कि यह फंड भी उन निवेशकों के लिए काफी अच्छा साबित हो सकता है जो लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट करना पसंद करते हैं। हालांकि, इस फंड में निवेशक पूरी तरह इक्विटी में निवेश करता है ऐसे में रिस्क भी रहता है। बाजार के उतार-चढ़ाव का असर फंड पर पड़ता है। ऐसे में इस फंड में उन निवेशकों को पैसा लगाना चाहिए जो रिस्क ले सकते हैं।