"भारतीय रेलवे नेट जीरो लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर" - अश्विनी वैष्णव
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भारतीय रेलवे और मध्य प्रदेश सरकार के बीच सबसे सस्ती नवीकरणीय ऊर्जा के लिए पावर परचेज एग्रीमेंट (PPA) पर हस्ताक्षर
भोपाल: भारतीय रेलवे अब तक अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए 4,260 मेगावाट (MW) स्थापित सौर ऊर्जा और 3,427 मेगावाट (MW) स्थापित पवन ऊर्जा की व्यवस्था कर चुका है। रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव को इस परियोजना के लिए भूमि उपलब्ध कराने हेतु धन्यवाद दिया। इस वर्ष, मध्य प्रदेश में 272 किलोमीटर नए रेल मार्ग बिछाए गए हैं।
प्रमुख बिंदु:
• रेलवे मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव एवं नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री राकेश शुक्ला की उपस्थिति में 400 मेगावाट सौर ऊर्जा के लिए समझौता पत्र (PPA) पर हस्ताक्षर किए गए।
• यह भारत की सबसे सस्ती सौर ऊर्जा होगी, जिसकी कीमत ₹2.15 प्रति किलोवाट घंटा (kWh) तय की गई है।
• मध्य प्रदेश सरकार की Rewa Ultra Mega Solar Power Limited (RUMSL) भारतीय रेलवे को अपनी सबसे बड़ी सौर परियोजना से ऊर्जा उपलब्ध करा रही है।
• भारतीय रेलवे नेट जीरो लक्ष्य प्राप्त करने और सड़क से रेल परिवहन की ओर बदलाव के प्रयास में है, जिससे पर्यावरण को सुरक्षित रखने, तेल आयात में कमी और लॉजिस्टिक्स लागत घटाने में मदद मिलेगी।
भारतीय रेलवे की ऊर्जा योजना:
• रेलवे अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को गैर-जीवाश्म स्रोतों (सौर, पवन, परमाणु) से पूरा करने के लिए कार्य कर रहा है।
• रेलवे अपने खुद के सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के अलावा PPA मॉडल के माध्यम से निजी डेवलपर्स के साथ भी साझेदारी कर रहा है।
• 2030 तक रेलवे की विद्युत ऊर्जा आवश्यकता 10,000 मेगावाट होगी, जिसमें से:
o 1,500 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का समझौता किया गया है।
o 500 मेगावाट रूफटॉप सौर एवं पवन ऊर्जा।
o 500 मेगावाट IRCON संयंत्र (कर्नाटक)।
o 400 मेगावाट PPA (आज का समझौता)।
o 100 मेगावाट अन्य स्थानों पर।
RUMSL परियोजना का अवलोकन
• कुल क्षमता: 1,500 मेगावाट
• सौर पार्क के स्थान: अगर, शाजापुर और नीमच (मध्य प्रदेश के उत्तर-पश्चिमी जिले)
• रेलवे को आपूर्ति:
o कुल 400 मेगावाट स्थापित क्षमता में से 195 मेगावाट रेलवे के लिए।
o 757 मिलियन यूनिट प्रति वर्ष सौर ऊर्जा।
• टैरिफ: ₹2.15 प्रति किलोवाट घंटा (नीमच यूनिट - भारत में सबसे कम)
• संयुक्त उद्यम: Solar Energy Corporation of India (SECI) एवं मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (MPUVNL)
• PPA की अवधि: 25 वर्ष
• नोडल रेलवे: पश्चिम मध्य रेलवे (WCR) – छह राज्यों में ग्रिड के माध्यम से आपूर्ति।
• लक्ष्य तिथि: दिसंबर 2025।
RUMSL परियोजना की प्रमुख बातें
• MNRE (Ministry of New and Renewable Energy) द्वारा RUMSL को सौर ऊर्जा पार्क विकासकर्ता (SPPD) के रूप में नामित किया गया।
• इसे भारत सरकार की Ultra Mega Renewable Energy Power Projects (UMREPP) योजना के तहत विकसित किया जा रहा है।
• यह परियोजना DBFOO मॉडल (डिज़ाइन, बिल्ड, फ़ाइनेंस, ओन और ऑपरेट) पर आधारित है।
• इस संयंत्र से भारत की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता में 2.50% की वृद्धि हुई।
• यह भारत की अब तक की सबसे कम लागत वाली सौर ऊर्जा PPP (Public-Private Partnership) परियोजना है।
• इस परियोजना को प्रधानमंत्री की "Book of Innovation" में स्थान मिला है और इसे विश्व बैंक द्वारा "President Award" भी दिया गया है।
मध्य प्रदेश के लिए रेलवे मंत्री ने कहा:
• रेलवे बजट आवंटन: 2025-26 में मध्य प्रदेश के लिए 14,745 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड आवंटन, जो 2009-14 के औसत वार्षिक आवंटन (632 करोड़ रुपये) से 23 गुना अधिक है।
• 2014 से अब तक मध्य प्रदेश में 2,456 किलोमीटर नए रेलवे ट्रैक बिछाए गए, जो पूरे डेनमार्क के रेलवे नेटवर्क से भी अधिक है।
• 2014 से अब तक 2,808 किलोमीटर रेलवे लाइनों का विद्युतीकरण किया गया। अब मध्य प्रदेश 100% विद्युतीकृत राज्य बन गया है।
• 80 अमृत रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है, जिन पर 2,708 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।
मध्य प्रदेश में हाल ही में स्वीकृत रेलवे परियोजनाएं:
1. मनमाड़ - इंदौर नई रेल लाइन (309 किमी; ₹18,036 करोड़)
2. भुसावल – खंडवा तीसरी एवं चौथी लाइन (131 किमी; ₹3,514 करोड़)
3. प्रयागराज (इरादतनगर) - माणिकपुर तीसरी लाइन (84 किमी; ₹1,640 करोड़)
मध्य प्रदेश में अप्रैल 2024 के बाद चालू हुई रेलवे परियोजनाएं:
• रामगंजमंडी-भोपाल नई रेल लाइन में घटोली-नयागांव सेक्शन का 2.5 किमी कार्य पूरा हुआ।
• कटनी-सिंगरौली डबलिंग परियोजना में विजयसोता - बेओहारी सेक्शन का 30.1 किमी कार्य पूरा हुआ।
• बीना - कटनी तीसरी लाइन के हारदुआ - नई मझगांव फाटक सेक्शन का 12 किमी कार्य पूरा हुआ।
• बीना - कटनी तीसरी लाइन के गणेशगंज - पथरिया सेक्शन का 13 किमी कार्य पूरा हुआ।
• इंदौर - खंडवा गेज कन्वर्शन परियोजना के राऊ - डॉ. अंबेडकर नगर सेक्शन का 11.4 किमी कार्य पूरा हुआ।
• रतलाम-महू-खंडवा-अकोला परियोजना में दादरनगर - पातालपानी सेक्शन का 5.5 किमी कार्य पूरा हुआ।
• अनूपपुर-कटनी तीसरी लाइन में बढ़वाबारा - घुंघुटी सेक्शन का 13 किमी कार्य पूरा हुआ।
• कोटा-बीना डबलिंग परियोजना के मालखेड़ी-महादेवखेड़ी सेक्शन का 6.9 किमी कार्य पूरा हुआ।
• महू-खंडवा-अकोला गेज कन्वर्शन में सनावद-ओंकारेश्वर सेक्शन का 5 किमी कार्य पूरा हुआ।
• रतलाम-नीमच डबलिंग परियोजना में नामली-बड़याला-चौरासी सेक्शन का 11.2 किमी कार्य पूरा हुआ।
• कटनी-सिंगरौली डबलिंग परियोजना में जोबा - मरवासग्राम सेक्शन का 7.6 किमी कार्य पूरा हुआ।
• ललितपुर-सिंगरौली नई रेल लाइन में सतना-बरेठिया सेक्शन का 19 किमी कार्य पूरा हुआ।
• बीना - कटनी तीसरी लाइन के दमोह - असलाना सेक्शन का 14 किमी कार्य पूरा हुआ।
• अनूपपुर-कटनी तीसरी लाइन के घुंघुटी-मुदरिया-बीसिंगपुर सेक्शन का 16.3 किमी कार्य पूरा हुआ।
• निगाही ROR परियोजना का 0.77 किमी कार्य पूरा हुआ।
• जयंत फेज-2 साइडिंग परियोजना का 1.3 किमी कार्य पूरा हुआ।
• तीसरा सिलो (Dudhichua Siding) परियोजना का 1.14 किमी कार्य पूरा हुआ।
• मथुरा-झांसी तीसरी लाइन के अंतरी-संदलपुर सेक्शन का 6.56 किमी कार्य पूरा हुआ।
• मथुरा-झांसी तीसरी लाइन के ग्वालियर-संदलपुर सेक्शन का 16.03 किमी कार्य पूरा हुआ।
• रतलाम-नीमच डबलिंग परियोजना के हर्कियाखाल-मल्हारगढ़ सेक्शन का 13 किमी कार्य पूरा हुआ।
• रामगंजमंडी-भोपाल नई रेल लाइन में नयागांव-खिलचीपुर सेक्शन का 22.328 किमी कार्य पूरा हुआ।
• अनूपपुर-कटनी तीसरी लाइन में उमरिया-लोहरा सेक्शन का 10 किमी कार्य पूरा हुआ।
• रामगंजमंडी-भोपाल नई रेल लाइन के संत हिरदाराम नगर-झारखेड़ा सेक्शन का 20.5 किमी कार्य पूरा हुआ।
कुल 272.1 किमी रेलवे लाइन चालू की गई
भारतीय रेलवे और मध्य प्रदेश सरकार के बीच यह ऐतिहासिक समझौता देश में नवीकरणीय ऊर्जा के बढ़ते उपयोग को दर्शाता है और रेलवे को आत्मनिर्भर एवं पर्यावरण-अनुकूल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। 🚆⚡