मप्र के दो संभागों में हो सकती है हल्की बारिश
भोपाल । मप्र के दो संभागों में हल्की बारिश होने का अनुमान है। इसके साथ ही आधा दर्जन से ज्यादा जिलों में बौछारें पडने की संभावना है। इन जिलों में छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, नरसिंहपुर, डिंडोरी, अनूपपुर, बैतूल जिला शामिलि है। मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर भारत में लगातार पश्चिमी विक्षोभ आ रहे हैं। इस वजह से हवाओं का रुख लगातार बदल रहा है। इस वजह से जहां तापमान में उतार-चढ़ाव का सिलसिला बना हुआ है, वहां पूर्वी मध्यप्रदेश में कहीं-कहीं बारिश भी हो रही है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में भी एक गहरा अवदाब का क्षेत्र बना हुआ है। बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी के कारण बौछारें पड़ रही हैं। शनिवार को छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, नरसिंहपुर, डिंडोरी, अनूपपुर, बैतूल जिलों में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। प्रदेश के शेष क्षेत्रों में मौसम शुष्क रहने की संभावना है। पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला के अनुसार, वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर पर बना हुआ है। इसके असर से उत्तर-पूर्वी राजस्थान पर एक प्रेरित चक्रवात भी बना हुआ है। इसके अतिरिक्त बंगाल की खाड़ी में एक गहरा अवदाब का क्षेत्र भी बना हुआ है। इन तीन मौसम प्रणालियों के सक्रिय रहने के कारण जहां हवाओं का रुख बार-बार बदल रहा है, वहीं बंगाल की खाड़ी से हवाओं के साथ नमी भी आ रही है। जिसके चलते जबलपुर, शहडोल संभागों के जिलों में कहीं-कहीं बारिश भी हो रही है। इन क्षेत्रों में शनिवार को भी वर्षा होने की संभावना है। उधर शनिवार को जम्मू कश्मीर में बने पश्चिमी विक्षोभ एवं इसके असर से राजस्थान पर बने चक्रवात के समाप्त होने के आसार हैं। शनिवार को एक नया पश्चिमी विक्षोभ के भी उत्तर भारत को प्रभावित करने की संभावना है। इस वजह से अभी तापमान में उतार-चढ़ाव का सिलसिला बना रह सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी पीके साहा के अनुसार, शुक्रवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 31.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जो सामान्य रहा। यह गुरुवार के अधिकतम तापमान 32.9 डिग्रीसे. की तुलना में 1.2 डिग्रीसे. कम रहा। न्यूनतम तापमान 15.4 डिग्रीसे. रिकार्ड किया गया। यह भी सामान्य रहा। साथ ही गुरुवार के न्यूनतम तापमान 15.2 डिग्रीसे. के मुकाबले 0.2 डिग्रीसे. अधिक रहा। साहा के मुताबिक दोपहर तक हवा का रुख उत्तरी बना रहने से दिन के तापमान में गिरावट दर्ज की गई।