अब जमीन की कीमत बताएगा मोबाइल ऐप
- जहां खड़े होंगे वहीं का पता चलेगा रेट
भोपाल । अगर व्यक्ति कहीं कोई जमीन खरीदना चाहता है, तो उसे यह जानने में बहुत परेशानी होती है कि वहां का वास्तविक दाम क्या है, इस समस्या को दूर करने के लिए जल्द ही ऐसा मोबाइल ऐप आ रहा है, जिसके माध्यम से आपको उस जमीन का दाम पता चल जाएगा जिस जमीन पर आप खड़े हैं।
नए वित्तीय वर्ष एक अप्रेल से रजिस्ट्री में पारदर्शिता और सहूलियत और बढ़ जाएगी। तब तक संपदा-टू का ट्रायल पंजीयन कार्यालयों में शुरू हो जाएगा। जिले में करीब सात लाख प्रॉपर्टी में से 90 फीसदी की आइडी बन गयी है। जिसमें प्रॉपर्टी की पूरी जानकारी, कॉर्नर की जमीन है या फ्लैट है, ड्यूप्लेक्स, मकान या खाली प्लॉट है जैसी जानकारियां दर्ज हो गई हैं। रजिस्ट्री के दौरान प्रॉपर्टी की आइडी डालते ही जमीन या प्रापर्टी की सही जानकारी सामने आ जाएगी। इससे प्रॉपर्टी फर्जीवाड़े के साथ स्टाम्प चोरी रुकेगी। पारदर्शिता बढ़ जाएगी। रजिस्ट्री के बाद मॉडगेज की प्रक्रिया पूरी कराने के लिए बैंक के चक्कर काटने से मुक्ति मिलेगी।
स्टाम्प शुल्क की गणना भी सॉफ्टवेयर से
संपदा टू की आइडी के लिए विभाग की वेबसाइट एमपीआइजीआर.जीओवी.आइएन पर यूजर आइडी बनाना होगी। आइडी डालते ही उसकी पूरी जानकारी उसमें मिल जाएगी। इसी आधार पर कलेक्टर गाइडलाइन से प्रॉपर्टी स्टाम्प शुल्क की गणना भी सॉफ्टवेयर कर देगा। डीड तैयार कर मॉडगेज का दस्तावेज रजिस्टर्ड हो जाएगा। इस काम को विदेश में बैठा व्यक्ति भी आसानी से कर सकेगा। अधिकतर प्रॉपर्टी बैंक लोन पर होती है, ऐसे में कई प्रॉपर्टी के मॉडगेज के लिए कई-कई बार पंजीयन कार्यालयों और बैंक के चक्कर काटने होते हैं। अब सर्विस प्रोवाइडर की मदद लेकर भी इसे कहीं से देखा जा सकेगा। देश की पहली गूगल ऐप आधारित कलेक्टर गाइडलाइन का काम भी पंजीयन विभाग ने लगभग पूरा कर लिया है। इसे भी नए वित्तीय वर्ष में एक अप्रेल से लागू करने की पूरी तैयारी है। इस ऐप की मदद से किसी भी लोकेशन पर खड़े होकर वहां के रेट की जानकारी मिल जाएगी। कलेक्टर गाइडलाइन में जमीन की दरों की फोन पर ही ऐप की मदद से जानकारी मिल जाएगी। पॉलीगोन ड्रॉ होने से जिले में लोकेशन की संख्या चार हजार से कम हो गई है।