गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद जिले की खोड़ा कॉलोनी में पांच सौ रुपये के नकली नोट की बड़ी खेप की बरामदगी मामले में कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आ रही हैं। बताया जाता है कि गिरोह के सदस्य सालभर के दौरान अनुमानित चार से पांच करोड़ रुपये की नकली करेंसी दिल्ली और आसपास के तीन राज्यों में खपा चुके हैं। बताया गया कि नकली करेंसी तैयार करने वाला अनुराग शर्मा और करेंसी को खपाने वाला विकास भारद्वाज ही मोटा मुनाफा लेते थे। गिरोह के सदस्य इस पैसे से खूब मौज-मस्ती व अय्याशी करते थे। इस गिरोह का भंडाफोड़ करने वाली बाहरी-उत्तरी दिल्ली जिला पुलिस की टीम अब इस गोरखधंधे से जुड़े अन्य संदिग्धों की पहचान करने में जुटी है। पुलिस को शक है कि इस कार्य में कई और लोग शामिल हो सकते हैं। पुलिस आरोपित से यह उगलवाने का प्रयास कर रही है कि नकली करेंसी की आपूर्ति करने वाले तीनों आरोपित से और कौन-कौन लोग जुड़े हैं। जांच टीम यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि नकली करेंसी छापने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री का स्त्रोत क्या है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार चारों आरोपित से आरंभिक पूछताछ में पुलिस को कई अहम जानकारियां हाथ लगी हैं। पूछताछ के दौरान राजस्थान के कोटा शहर का भी कनेक्शन सामने आया है। गिरोह के सदस्य नकली करेंसी को गांव व कस्बाई आबादी के बीच ज्यादा खपाते थे।