कीव । रूसी सैनिकों ने यूरोप में सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर हमला कर उस अपने कब्जे में ले लिया। इसके बाद दुनिया पर विश्वयुद्ध का खतरा मंडराने लगा है। संयुक्त राष्ट्र और यूक्रेन के अधिकारियों ने कहा कि अग्निशामकों की मदद से संयंत्र में लगी आग को बुझा ली गई। हालांकि इससे अधिक कोई जानकारी साझा नहीं की गई है। बता दें कि रूसी सेना ने कई शहरों को कब्जे में ले लिया है। हालांकि शुक्रवार की लड़ाई में उस हिसाब से सफलता नहीं मिली। इस बीच यूक्रेन छोड़कर भागे शरणार्थियों की संख्या 12 लाख से अधिक हो गई है।
यूक्रेन पर हमले को लेकर दुनिया भर में रूस की निंदा हो रही है। क्रेमलिन ने फेसबुक, ट्विटर, बीबीसी और यू.एस. सरकार द्वारा वित्त पोषित वॉयस ऑफ अमेरिका को बैन कर दिया है। राष्ट्रपति पुतिन ने एक कानून पर हस्ताक्षर किए, जिसके अनुसार युद्ध पर रूसी सरकार की आधिकारिक लाइन के खिलाफ जाने वाले फर्जी खबरें फैलाने के लिए 15 साल तक की जेल की सजा दी जा सकती है।
इस पाबंदियों के बाद मीडिया और सोशल मीडिया आउटलेट्स ने कहा कि वे स्थिति का मूल्यांकन करते समय रूस के अंदर अपना काम रोक देने वाले है। कई न्यूज चैनलों ने घोषणा की कि वे रूस में प्रसारण बंद कर देने वाले है। ब्लूमबर्ग ने वहां अपने पत्रकारों के काम को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। कीव पर रूसी कब्जे का खतरा मंडरा रहा है। विशाल संख्या में रूसी बख़्तरबंद राजधानी के बाहर रुका हुआ है। पुतिन की सेना ने यूक्रेन के शहरों और अन्य साइटों पर सैकड़ों मिसाइलें दागे और तोपखाने से हमले शुरू किए हैं। 
उधर भावनात्मक भाषण में यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि उन्हें एक इसतरह के विस्फोट की आशंका है, जो सभी के लिए अंत होगा। यूरोप के लिए अंत होगा। स्वीडन से लेकर चीन तक के परमाणु अधिकारियों ने कहा कि किसी रेडिएशन की सूचना नहीं मिली है। अधिकारियों ने कहा कि रूसी सैनिकों ने पूरे स्थल पर नियंत्रण कर लिया है, लेकिन संयंत्र के कर्मचारियों ने इस चलाना जारी रखा है। केवल एक रिएक्टर 60 प्रतिशत क्षमता पर काम कर रहा था। यूक्रेन के राज्य परमाणु संयंत्र संचालक एनरहोआटम ने कहा कि तीन यूक्रेनी सैनिक मारे गए और दो घायल हो गए।