राहुल से दूर रखेंगे विधायकों और नेताओं को
भोपाल । राहुल गांधी की टीम ने स्पष्ट कर दिया है कि यात्रा जब पैदल चलेगी, तब केवल वे ही नेता मिल सकेंगे, जिनके नाम प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से भेजे जाएंगे। इन्हें यात्रा के दौरान ही मिलवाया जाएगा। राहुल के साथ में दो-चार वरिष्ठ नेताओं को छोड़ किसी को भी चलने की अनुमति नहीं रहेगी। उन्हें पैदल चलते-चलते ही राहुल से मिलवाया जाएगा और बाद में सुरक्षा घेरे से बाहर कर दिया जाएगा। राहुल की सुरक्षा टीम ने स्पष्ट कर दिया है कि सभी को राहुल के पीछे ही चलना पड़ेगा। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। यात्रा की मध्यप्रदेश में उलटी गिनती शुरू हो गई है। इसको लेकर प्रदेश कांग्रेस की टीम हैदराबाद में डेरा डाले हुए है। हालांकि सभी नेता राहुल गांधी से तो मिल नहीं पाए, लेकिन उनकी टीम के लोगों से उनकी मुलाकात हुई। टीम में पीसी शर्मा, अरुण यादव, सज्जनसिंह वर्मा, जीतू पटवारी, विधायक विशाल पटेल, संजय शुक्ला, अध्यक्ष विनय बाकलीवाल और सदाशिव यादव शामिल हैं। सभी ने यात्रा और सभा की तैयारियों के साथ-साथ यात्रा मार्ग भी देखा कि वहां क्या-क्या व्यवस्था करना है?
राहुल गांधी 20 या 21 नवम्बर को बुरहानपुर से यात्रा को लेकर प्रवेश करेंगे और इंदौर में यह यात्रा 28 या 29 नवम्बर को आ सकती है। राहुल की टीम ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि जब राहुल गांधी पैदल चलेंगे तो उनके साथ तीन या चार बड़े नेता होंगे, जिनके नाम पीसीसी तय करेगी, वहीं स्थानीय तौर पर जिन विधायकों, बड़े नेताओं और पदाधिकारियों को मिलाया जाना है, उनके नाम भी स्थानीय अध्यक्ष तय कर पीसीसी को भेजेंगे और फिर उन्हें एक-एक कर राहुल से मिलवाया जाएगा। वरिष्ठ नेता 5 से 10 मिनट राहुल के साथ चल सकेंगे तो पार्षद या अन्य स्थानीय नेताओं को 2 से 5 मिनट का समय मिलेगा। यह सब सुरक्षा कारणों के चलते किया गया है, क्योंकि उनकी सुरक्षा टीम इतने लोगों को एकसाथ राहुल के साथ मिलने नहीं देगी। राहुल जहां ठहरेंगे या दोपहर का भोजन करेंगे, वहां शहर के वरिष्ठ और प्रबुद्धजनों को मिलाए जाने की भी योजना है। हालांकि कल भोपाल में होने वाली बैठक में राहुल गांधी की यात्रा का स्वरूप लगभग तय हो जाएगा और 8 तारीख को कमलनाथ के दौरे के बाद फाइनल कार्यक्रम आ जाएगा।