पुलिस अभिरक्षा में बंदी की मौत
आयोग की अनुशंसा - मृतक बंदी के वारिसों को पांच लाख रू अदा करें
मण्डला मध्यप्रदेश मानव अधिकर आयेाग ने पुलिस अभिरक्षा में बंदी द्वारा आत्महत्या कर लेने से मृत्यु हो जाने के मामले में मृतक बंदी के वैध वारिसों को पांच लाख रूपये अदा करने की अनुशंसा राज्य शासन को की है। मामला मण्डला जिले का है। आयोग के प्रकरण क्र. 6337/मण्डला/2020 के अनुसार 17 अक्टूबर 2020 को पुलिस चौकी, पिण्डरई, थाना नैनपुर, जिला मण्डला के लाॅक-अप में आरोपी श्यामसिंह विश्वकर्मा द्वारा शौचालय के रौशनदान में जीन्स पेंट की सहायता से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली गयी थी। मामले में आयोग ने पाया कि थाने के पुलिस अधिकारी/कर्मियों की घोर लापरवाही की गयी। इससे मृतक के जीवन जीने के अधिकार व उसके मानव अधिकारों का घोर उल्लंघन हुआ। अपनी अनुशंसा में आयोग ने यह भी कहा है कि राज्य शासन सभी थानों में पुलिस लाॅक-अप में रखे जाने वाले बंदियों की सुरक्षा एवं अभिरक्षा प्रबंधन के संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करे, जिससे पुलिस लाॅक-अप में रहने के दौरान बंदीयों पर निरंतर पुलिस की नजर बनी रहे और उसे आत्महत्या करने का कोई अवसर ही न मिल सके। इस हेतु थाने एवं पुलिसचैकियों में सी.सी.टी.वी. कैमरों का उपयोग भी किया जा सकता है।