सावन के आखिरी सोमवार पर बाबा महाकाल का भव्य श्रृंगार
सावन का महीना शिव भक्तों का महीना माना जाता है। इस बार सावन में चार नहीं बल्कि आठ सोमवार का संयोग बना है। आज आखिरी सावन का सोमवार वर्त है। देशभर से हजारों भक्त ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में पूजा-अर्चना करने आने वाले हैं। आज सुबह भगवान महाकाल की विशेष भस्मारती हुई। भगवान को भांग, चंदन, अबीर, गुलाल, सूखे मेवे से शृंगारित किया गया।
प्रदेश के ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग और मंदसौर के पशुपतिनाथ महादेव के दर्शन के लिए भी सुबह से भक्तों के पहुंचने के सिलसिला जारी है। आज मंदसौर में पशुपतिनाथ महादेव की शाही सवारी निकाली जाएगी।
बता दें कि मंदिर की परंपरा अनुसार श्रावण-भादो मास में प्रत्येक सोमवार के लिए रविवार रात 2.30 बजे मंदिर के पट खोले जा रहे हैं। यह परंपरा भक्तों की सुविधा के लिए चली आ रही है, ताकि सोमवार को अधिक से अधिक भक्त भगवान महाकाल के दर्शन कर सकें।
आज निकलेगी बाबा महाकाल की सवारी
बता दें कि सावन के आखिरी सोमवार पर आज सवारी में बाबा महाकाल आठ रुपों में दर्शन देंगे। अवंतिकानाथ, चंद्रमौलेश्वर, मनमहेश, शिवातांडव, उमामहेश, होलकर, घटाटोप, जटाशंकर और रूद्ररूप में भक्तों को बाबा महाकाल के दर्शन होंगे।
भस्मारती के पीछे जुड़ी पौराणिक कथा
पौराणिक काल में दूषण नाम के राक्षस ने उज्जैन नगरी में तबाही मचा दी थी। तब लोगों ने भगवान शिव से इस प्रकोप को दूर करने की विनती की। भगवान शिव ने दूषण का वध किया और नगरवासियों के आग्रह पर यहीं महाकाल के रूप में बस गए।
मान्यता यह है कि बाबा भोलेनाथ ने दूषण के भस्म से अपना श्रृंगार किया था। इसलिए आज भी महादेव का भस्म से श्रृंगार किया जाता है। बता दें कि यह पहला ऐसा मंदिर है जहां भगवान शिव की दिन में 6 बार आरती की जाती है। लेकिन दिन की शुरुआत भस्मारती से ही होती है।
वहीं, आज(28 अगस्त) सावन के आखिरी सोमवार के अवसर पर दिल्ली के गौरी शंकर मंदिर में पूजा-अर्चना हुई है।