हाई कोर्ट ने कहा, ‘डीपीसी समीक्षा बैठक 90 दिन में आयोजित करें‘
जबलपुर । मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदन संप्रेषित न करने को लोक सेवक की पदोन्नति की संभावना का उन्मूलन माना। इसी के साथ विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की समीक्षा बैठक 90 दिन के भीतर आयोजित करने के निर्देश दे दिए। कोर्ट ने साफ किया कि याचिकाकर्ता की पदोन्नति पर विचार किया जाए। यदि वह पात्र पाया जाए तो पदोन्नति दी जाए। यही नहीं 2004 से सभी परिणामिक लाभ भी प्रदान किए जाएं। यह निर्धारण उस अवधि से हो, जब उससे कनिष्ठ पदोन्नत किए गए थे। न्यायमूर्ति मिनिंदर सिंह भट्टी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता सुरेश प्रसाद दुबे की ओर से अधिवक्ता आशीष त्रिवेदी, असीम त्रिवेदी, सुशील कुमार तिवारी, अपूर्व त्रिवेदी व आनंद शुक्ला ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता मध्य प्रदेश बीज प्रमाणीकरण अभिकरण में सहायक बीज प्रमाणीकरण अधिकारी के पद पर पदस्थ था। वर्ष 2004 में विभागीय पदोन्नति समिति ने उसे पदोन्नति के लिए योग्य न मानकर उससे अपेक्षाकृत कनिष्ठ अधिकारियों की उप बीज प्रमाणीकरण अधिकारी के पद पर पदोन्नत कर दिया। बावजूद इसके कि प्रासंगिक वर्षों में याचिकाकर्ता के विरुद्ध किसी भी प्रतिकूल वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदन की जानकारी के बारे में सूचित नहीं किया गया था।