युवाओं का पलायन रूका, राज्य में ही मिला रोजगार
मध्यप्रदेश का युवा अब स्वावलंबी हो रहा है। रोजगार के साथ ही युवा अब खुद का कारोबार भी शुरू कर रहे हैं। राज्य से युवाओं के पलायन को रोकने के लिए सरकारी पदों पर भर्ती प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है। मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना के तहत 9 लाख से अधिक युवाओं का पंजीकरण होने के साथ ही 15 हजार से अधिक लाभान्वित भी हो चुके हैं। मध्यप्रदेश में रोजगार और स्वरोजगार के आंकड़ों पर एक बार फिर कांग्रेस की किरकिरी हो रही है। हाल ही में पार्टी की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी ने अपने एक भाषण में कहा कि मध्यप्रदेश में बीते पांच वर्षों में केवल 21 लोगों को ही रोजगार मिला।
सार्वजनिक मंच पर प्रदेश की किसी भी उपलब्धि पर ऐसी बयानबाजी से पहले कांग्रेस को फैक्ट चेक कर लेने चाहिए। गलत तथ्य और झूठे वायरल वीडियो से कांग्रेस खुद अपना ही नुकसान कर रही है। मध्यप्रदेश सरकार ने रोजगार और स्वरोजगार के लिए कई अहम योजनाएं शुरू की, जिसका लाभ युवाओं को बड़े पैमाने पर मिला। यही नहीं मध्यप्रदेश में पिछले 15 वर्षों के अंतराल में रोजगार और स्वरोजगार के क्षेत्र में सबसे अधिक प्रगति हुई है। मात्र तीन वर्षो में एक लाख से अधिक सरकारी पदों पर भर्ती की प्रक्रिया पूरी कर ली गई। मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना के अंतर्गत नौ लाख 17000 से अधिक लोगों के पंजीकरण होने के साथ साथ 15000 से अधिक युवा लाभान्वित हो चुके हैं, जबकि योजना को शुरू हुए अभी छह महीने भी पूरे नहीं हुए हैं। स्वरोजगार में भी युवाओं ने काफी रूझान दिखाया। पिछले तीन सालों में एक करोड़ 23 लाख से अधिक स्टार्टअप को 74600 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता दी गई। इसी क्रम में प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना के तहत 12 लाख हितग्राहियों को 1300 करोड़ रुपए से अधिक का ब्याज मुक्त ऋण दिया जा चुका है। स्वावलंबन के क्षेत्र से जुड़ी रोजगार एवं स्वरोजगार येाजनाओं के लिए मध्यप्रदेश में जिस तरह बीते पांच सालों में काम हुआ है वह अपने आप में मिसाल है।