बेटी को बदनामी से बचाने की थी शिशु की हत्या, हुआ कारावास
भोपाल । बेटी को बदनामी से बचाने के लिए उसके नवजात शिशु की हत्या करने के आरोप में न्यायालय ने पति-पत्नी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। बेटी के अवैध संबंधों को छुपाने की सजा माता-पिता को भुगतना पडी। राजधानी की एक अदालत ने सनसनीख़ेज़ हत्या के मामले में यह निर्णय दिया है। शिशु की हत्या की आरोपी महिला विद्या और उसके पति पूरन सिंह को आजीवन कारावास और 1000-1000 अर्थदंड से दंडित किया है। यह निर्णय तेरहवें अपर सत्र न्यायाधीश अतुल सक्सेना के न्यायालय ने सुनाया। शासन की ओर से सुधा विजय सिंह भदौरिया ने पैरवी की अयोध्या नगर में सितंबर 2020 में अयोध्या नगर स्थित सेंट थामस स्कूल के नजदीक शिव मंदिर के चबूतरे पर नवजात शिशु का शव पाया गया। नवजात की उम्र मात्र दो से तीन लग रही थी। सूचना पर अयोध्या नगर पुलिस मौके पर पहुंची और उसने प्रकरण जांच में ले लिया। शव परीक्षण में पता चला कि नवजात शिशु के शरीर पर धारदार हथियार से कई चोटें पहुंचाकर हत्या की गई थी। नृशंस हत्या के बाद साक्ष्य छिपाने के उद्देश्य से शाल में लपेटकर शिशु के शव को अयोध्या नगर में स्थित शिव मंदिर में चबूतरे पर छोड़ दिया गया था। पुलिस ने जांच के बाद विद्या बाई और उसके पति पूरन सिंह को गिरफ्तार कर लिया। विद्या बाई की बेटी के किसी व्यक्ति से अवैध संबंध बनने के कारण वह गर्भवती हो गई थी। पूछताछ करने पर बेटी ने बताया कि किसी ने जबर्दस्ती गलत काम किया था। मां ने अस्पताल में जांच कराई तो डाक्टरों ने ज्यादा समय का गर्भ होने के चलते गर्भपात करने से इंकार कर दिया। जिसके बाद गर्भवती बेटी ने अस्पताल में एक बेटी को जन्म दिया। बेटी की बदनामी न हो, इसलिए विद्या बाई ने चाकू से नवजात के सीने, पीठ, पेट पर वार किए जिससे उसकी मृत्यु हो गई जिसके बाद उसने शव ठिकाने लगने के लिए अपने पति को दे दिया।